
नई दिल्ली – हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को आए करीब 8 महीने हो चुके हैं और उसका असर भी धीरे-धीरे खत्म होता दिखाई दे रहा है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ग्रुप ने जून तिमाही में 70 फीसदी का प्रॉफिट हासिल किया है। जानकारी के मुताबिक पोर्ट, पॉवर और ग्रीन एनर्जी के कारोबार में इन तीन महीनों की रिपोर्ट में काफी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला है। जिसकी वजह से सभी कंपनियों का ज्वाइंट प्रॉफिट 70 फीसदी और उससे ज्यादा हो चुका है। वैसे इस तिमाही में सेल्स में गिरावट देखने को मिली है। कंपैरेटिव परफोर्मेंस की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही के बाद एक्वायर की गई सीमेंट कारोबार शामिल नहीं है।
तिमाही में 70 फीसदी बढ़ा अडानी ग्रुप का प्रॉफिट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी ग्रुप का ज्वाइंट प्रॉफिट 12,854 करोड़ रुपये बढ़ा, जबकि ब्याज, कर, डेप्रीसिएशन से पहले की कमाई लगभग 42 फीसदी बढ़कर 20,980 करोड़ रुपये हो गई है। तुलनात्मक सेट में शामिल कंपनियों की बिक्री लगभग 69,911 करोड़ रुपये के साथ कम थी। कंपैरेटिव कमाई में अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी विल्मर, अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन का प्रदर्शन शामिल है। एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स, इनमें शामिल नहीं थे क्योंकि उनका विलय पिछले साल सितंबर में ही पूरा हुआ था।
अडानी ग्रुप की इनकम में हुआ जोरदार इजाफा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जून तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज का रेवेन्यू ग्रुप की कंपनियों में सबसे अधिक देखने को मिला, अडानी पावर का प्रॉफिट साल-दर-साल 83 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे अधिक था। अडानी पोर्ट, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ अडानी पावर कीसेल्स में साल-दर-साल बेस्ड पर दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई। जबकि अडानी ग्रीन की सेल्स में सबसे ज्यादा देखने को मिली है।
इसी बीच, अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी विल्मर, केवल दो कंपनियों की इनकम में गिरावट देखने को मिली, जिसका कारण कोयले और एडिबल ऑयल के दाम में गिरावट थी। जहां अडानी एंटरप्राइजेज ने सेल्स में कमजोरी की बाद भी प्रॉफिट में इजाफा हुआ। वहीं अडानी विल्मर लॉस में रहा है। समूह के प्रमुख व्यवसायों में से एक, अडानी पोर्ट्स ने कार्गो वॉल्यूम, ऑपरेशनल प्रॉफिट और रिकॉर्ड सेल्स के साथ तिमाही में ग्रुप की सभी कंपनियों के मुकाबले सबसे स्थिति कायम की। इस दौरान कंपनी ने कार्गो मार्केट हिस्सेदारी में 2 फीसदी की बढ़त भी दर्ज की है।
हिंडनबर्ग ने लगाए थे अडानी ग्रूप पर आरोप
इस साल की शुरुआत में, अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था। अडानी ग्रुप इन आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है। इन आरोपों ने ग्रुप को गंभीर रूप से काफी प्रभावित किया और जिसकी वजह से शेयरों में गिरावट आई और एक समय में कंपनियों के बाजार मूल्य में 153 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई। इन आरोपों के बाद ग्रुप के अधिकांश शेयर निचले स्तर पर आ गए थे।
तिमाही में ही लोअर लेवल से ऊपर आए अडानी ग्रुप के शेयर
मौजूदा समय में ग्रुप की सभी कंपनियां इस समय से उबर गई हैं, और अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर लोअर लेवल से दोगुने से अधिक हो गए हैं। हालांकि, अधिकांश कंपनियों के शेयर की कीमतें अभी भी रिपोर्ट के आने से पहले देखे गए लेवल तक नहीं पहुंच पाई हैं। पिछले हफ्ते, अदानी पोर्ट्स के ऑडिटर डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी के इस्तीफे के बाद शेयरों में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन अमेरिका स्थित जीक्यूजी इन्वेस्टमेंट्स ने अडानी पावर में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की हिस्सेदारी खरीदी, जिससे ग्रुप के शेयरों को ऊपर उठने में मदद मिली।