Swami Ram Bhadracharya : पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान, कहा- “हिंदू संकट में है”

वाराणसी/लखनऊ। हिंदू धर्म के प्रख्यात संत और जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान जैसा लग रहा है। वहां हिंदू संकट में है और हिंदू धर्म को न्याय नहीं मिल पा रहा है।” उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया है।
सभा में दिया विवादास्पद बयान
स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने यह बयान एक धार्मिक कार्यक्रम में दिया। बड़ी संख्या में भक्त और अनुयायी उनके प्रवचन को सुनने पहुंचे थे। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा:
“पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है। वहां की परिस्थितियां ऐसी हैं कि हिंदू समाज खुद को असुरक्षित महसूस करता है। यह स्थिति किसी भी लोकतांत्रिक और धार्मिक रूप से सहिष्णु देश के लिए ठीक नहीं है।”
“मिनी पाकिस्तान” कहने पर छिड़ा विवाद
“मिनी पाकिस्तान” शब्द का इस्तेमाल करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि जिस तरह कुछ क्षेत्रों में धार्मिक असंतुलन और जनसंख्या का दबाव बढ़ा है, उससे सामाजिक ताने-बाने पर असर पड़ रहा है। उनका कहना था कि “हिंदू अपने ही घर में असहाय महसूस कर रहा है, जबकि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए हमेशा बलिदान दिए गए हैं।”
उनके इस बयान के बाद कई धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने समर्थन तो कई ने विरोध जताया।
हिंदू धर्म को न्याय नहीं मिलने की बात
अपने संबोधन में स्वामी रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म से जुड़े मामलों में न्याय की प्रक्रिया अक्सर लंबी खिंच जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “कई बार मंदिरों, पूजा स्थलों और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने जैसी घटनाएं होती हैं, लेकिन न्याय मिलने में देरी होती है। जबकि दूसरी ओर अन्य समुदायों से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है।”
राजनीतिक हलचल तेज
जगतगुरु शंकराचार्य के इस बयान का असर सीधे-सीधे राजनीति पर भी पड़ा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहले से ही ध्रुवीकरण का मुद्दा अहम माना जाता है।
- समर्थन में आए हिंदूवादी संगठन – कई संगठनों ने कहा कि शंकराचार्य ने हिंदुओं की वास्तविक पीड़ा को सामने रखा है।
- विरोध में विपक्षी दल – कुछ नेताओं ने इस बयान को समाज में विभाजन फैलाने वाला बताया और कहा कि धार्मिक नेताओं को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
सोशल मीडिया पर बहस
शंकराचार्य के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ गई। ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #SwamiRamBhadrAcharya, #MiniPakistan और #HinduCrisis जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
- एक वर्ग ने कहा कि संत ने जो बोला, वह जमीन की हकीकत है।
- वहीं, दूसरे वर्ग ने इसे “राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश” करार दिया।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश हमेशा से ही धार्मिक और सामाजिक समीकरणों के लिहाज से संवेदनशील इलाका रहा है।
- सामाजिक दृष्टिकोण से देखें तो यहां हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर है, जिससे अक्सर तनाव की स्थिति बनती रहती है।
- राजनीतिक दृष्टिकोण से यह इलाका चुनावी दृष्टि से बेहद अहम है, इसलिए यहां के मुद्दे तुरंत राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ जाते हैं।
संत समाज में भी चर्चा
संत समाज में भी रामभद्राचार्य के बयान की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। कुछ संतों ने कहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर अपनी धार्मिक पहचान और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। वहीं, कुछ ने यह भी कहा कि ऐसे बयानों से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।
प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल
रामभद्राचार्य ने प्रशासन और सरकार से अपील की कि हिंदुओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की असुरक्षा पूरे राष्ट्र की असुरक्षा होती है। प्रशासन को चाहिए कि धार्मिक संतुलन बिगाड़ने वाली ताकतों पर सख्त कार्रवाई करे।
भविष्य के लिए संदेश
अपने प्रवचन के अंत में उन्होंने कहा:
“हिंदू धर्म सहिष्णु है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे कमजोर समझा जाए। हमें अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए जागरूक होना होगा। जब तक हिंदू समाज संगठित नहीं होगा, तब तक उसे न्याय नहीं मिलेगा।”
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का यह बयान एक नए विवाद की शुरुआत कर चुका है। “पश्चिमी उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान लगता है” कहना निश्चित रूप से राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म देगा। जहां एक ओर हिंदू संगठनों ने इसे सही ठहराया है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और सेक्युलर विचारधारा के लोग इसे समाज को बांटने वाला बयान बता रहे हैं।