नई दिल्ली – भारत में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। सितंबर महीने में बेरोजगारी दर गिरकर 7.09% हो गई है, जो अगस्त महीने में 8.10% थी। सितंबर में बेरोजगारी दर एक साल के निचले स्तर पर आ गई क्योंकि कमजोर मानसूनी बारिश के बावजूद ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी कम हो गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने बेरोजगारी दर के ये आंकड़े जारी किए हैं।
सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी दर पिछले महीने अगस्त में 10.09% से गिरकर सितंबर में 8.94% हो गई है। वहीं, ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.11% से गिरकर 6.20% हो गई है। अर्थशास्त्री और नीति निर्माता मुंबई स्थित सीएमआईई डेटा पर कड़ी नजर रखते हैं, क्योंकि सरकार इसका मासिक डेटा जारी नहीं करती है।
बेरोजगारी दर कैसे निर्धारित की जाती है?
सितंबर में 7.09% की बेरोज़गारी दर का मतलब है कि काम करने के इच्छुक हर 1000 श्रमिकों में से 70 को काम नहीं मिल सका। सीएमआईई हर महीने 15 साल से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करता है और उनसे उनके रोजगार की स्थिति के बारे में जानकारी लेता है। इसके बाद प्राप्त नतीजों से एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस मॉनसून में भारत में पिछले 5 साल में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, इस साल जून-सितंबर के दौरान दीर्घकालिक औसत से 6% कम बारिश हुई है। हालांकि, इसके बावजूद कृषि गतिविधियों पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री ने 51,000 लोगों को नौकरियां दीं
भारत में त्योहारी सीजन से पहले शहरी बेरोजगारी में भी गिरावट देखी गई है। नियोक्ता आमतौर पर इस अवधि के दौरान अधिक भर्ती करते हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष नौकरी पहल के तहत 51,000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिये थे।