नई दिल्ली – Shardiya Navratri 2023 : शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं और आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। ये दिन मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि मां ब्रम्हचारिणी (Maa Brahmacharini) का ध्यान और पूजन करने से तप, त्याग संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और वो हमेशा सही मार्ग पर चलता है।
ज्योतिमर्य स्वरूप द्वितीया ब्रम्हचारिणी – मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रम्हचारिणी का है। यहा ‘‘ब्रम्ह’’ शब्द का अर्थ तपस्या है। ब्रम्हचारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली। ब्रम्हचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिमर्य एवं अत्यंत भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमण्डलु रहता है। अपने पूर्व जन्म में हिमालय घर पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थी। नारद के उपदेश से प्रेरित होकर भगवान शंकर को पतिरूप में प्राप्त करने हेतु दुश्कर तपस्या की थी। जिसमें एक हजार वर्ष तक उन्होंने केवल फल-फूल खाकर व्यतीत किया उसके सौ वर्षाे तक केवल शाक पर निर्वाह किया था।
कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखते हुए खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के कष्ट सहें। तीन हजार वर्ष तक केवल जमीन पर टूटकर गिरे बेलपत्रों को खाया। कुछ वर्षाे तक निर्जल और निराहार तपस्या करती रही। कई हजार वर्ष तक तपस्या करने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ब्रम्हचारिणी देवी की इस तपस्या को अभूतपूर्व बताते हुए उनकी सराहना करने लगे।
अंत में पितामह ब्रम्हाजी ने आकाशवाणी द्वारा संबोधित किया कि हे देवि, आजतक किसी ने ऐसी कठोर तपस्या नहीं की है ऐसी तपस्या तुम्हीं से संभव थी। तुम्हारी मनोकामना सर्ततोभावेत परिपूर्ण होगी। तुम अपने घर वापस आ जाओं तुम्हें भगवान चंद्रमौलि शिवजी पति रूप में प्राप्त होंगे। मॉ दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देनेवाला है। इनकी उपासना से मनुष्य तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार तथा संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रम्हचारिणी की कृपा से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। इस दिन साधकों का ‘स्वाधिष्ठान’ चक्र में स्थित होता है। इन चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है। आपको बता दें आज नवरात्रि के दूसरे दिन पुरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा।
आइए जानतें है इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए-
मां ब्रह्मचारिणी को कैसे खुश करें?
मां ब्रह्मचारिणी को चांदी प्रिय है इसलिए उन्हें चांदी की वस्तु अर्पित की जाती हैं। इस दिन शिक्षा या ज्ञान के लिए आप मां सरस्वती की भी पूजा कर सकते हैं। इस दिन मां को खुश करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करें साथ ही चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना भी इस दिन बहुत उत्तम माना जाता है।
मां ब्रह्माचारिणी मंत्र
– या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
– दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
– मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले उठकर स्नान करें।
– माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं।
– मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं।
– ब्रह्मचारिणी मां को पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भी भोग लगाएं।
– इसके अलावा मां को पान, सुपारी, लौंग चढ़ाएं।
-भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें।
– ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप कर आरती करें।