बेंगलुरु : इसरो चीफ को लेकर शनिवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस खुलासे से पूरे दक्षिण भारत में हंगामा मच गया है। इस खबर को वहां की मीडिया ने प्रमुखता से जगह दी है। खबरों के मुताबिक इसरो प्रमुख डॉ. सोमनाथ ने पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमनाथ ने कहा कि सिवन ने उनके इसरो चीफ बनने में बड़ी बाधा खड़ी की थी।
ऊंचे पद तक पहुँचने में आती हैं चुनौतियां
सोमनाथ ने यह आरोप अपने जीवन पर आधारित किताब ‘निलावु कुदिचा सिम्हानल’ में लगाया है। किताब के मुताबिक सिवन इसरो चीफ नहीं बनना चाहते थे। जब न्यूज एजेंसी ने इसरो प्रमुख से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बिना किसी का नाम लिए जवाब दिया कि हर व्यक्ति को किसी भी संगठन में ऊंचे पद तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन की चुनौतियों के बारे में लिखा है। किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। वह किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं।
इस वजह से चंद्रयान-2 फेल हो गया
बहुत से लोग किसी भी उच्च पद के लिए उपयुक्त होते हैं। मैं तो बस ये मुद्दा उठा रहा था। मैंने किसी एक व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया है। हालांकि, सोमनाथ ने ये भी बताया कि कैसे चंद्रयान-2 फेल हो गया था। सोमनाथ ने कहा कि जल्दबाजी के कारण चंद्रयान-2 मिशन फेल हो गया। क्योंकि उनके जितने भी टेस्ट होने चाहिए थे वो नहीं हुए।
सोमनाथ ने कहा कि उनकी किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का असली कारण मौजूद है। इसमें उन्होंने लिखा है कि चंद्रयान-2 की विफलता की घोषणा के वक्त जो गलतियां की गईं, उन्हें छुपाया गया। सोमनाथ का मानना है कि जो हो रहा है उसे वैसे ही बताया जाना चाहिए। सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। इससे संस्थान में पारदर्शिता आती है। इसीलिए किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का जिक्र किया गया है।