लखनऊ – यूपी में आपराधिक घटनाओं को लेकर हाल ही में राज्य सरकार के स्तर पर एक बड़ी मीटिंग की गई। इसमें जिले से लेकर थाने तक के कामकाज की समीक्षा हुई। प्रदर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने सभी जिलों और कमिश्नरेट के अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपराध दर को लेकर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट पेश की। जिसमें पता चला कि राज्य में अपराध के मामलों में कमी देखी जा रही है। सीएम के सामने पेश किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 6 साल में राज्य में हत्या के मामलों में 9 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं डकैती के मामलों में 16 फीसदी की गिरावट आई है। रेप के मामलों में भी गिरावट आई है। पिछले आठ महीनों में राज्य में अपराध के मामलों में कार्रवाई का असर भी दिख रहा है। योगी सरकार ने यूपी चुनाव 2022 में अपराध नियंत्रण का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई से सीएम योगी को बुलडोजर बाबा का नाम मिल गया। इसी नाम और काम के दम पर सीएम योगी ने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
हालांकि, पिछले कुछ दिनों में कुछ जगहों से बढ़ते अपराध के मामलों के बाद सीएम योगी एक बार फिर एक्शन मोड में आ गए हैं। पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि या तो अपराधियों पर कार्रवाई करें। या फिर शासन स्तर पर आपके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। जिलों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अपराधियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाये। चाहे वह कितना भी बड़ा माफिया या व्यक्ति क्यों न हो, अपराध की दृष्टि से उसके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। कानून से खिलवाड़ करने वालों को कानून की भाषा में ही जवाब दिया जाना चाहिए। सीएम योगी के रुख के बाद जिलों में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ने की संभावना है।
टॉप-बॉटम पांच जिलों की समीक्षा
बैठक के दौरान सीएम योगी ने त्वरित कार्रवाई करने और मामलों पर अंकुश लगाने के मामले में टॉप पांच और बॉटम पांच जिलों की समीक्षा की। सीएम योगी ने खराब प्रदर्शन वाले जिलों के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम ने उन जिलों के अधिकारियों की सराहना की जो पहले भी अपराध के मामले में आगे रहे हैं। उन्होंने अतीत से सीखकर खुद में सुधार नहीं किया। योगी ने कहा कि अगर अगले महीने की बैठक में इन जिलों की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं पाई गई तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अधिकारी तैयार रहें।
आठ महीने में 1921 हत्या के मामले दर्ज
यूपी सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, पिछले आठ महीनों में यूपी में कुल 1921 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 1322 को एफआईआर के रूप में दर्ज किया गया है। 90 मामलों में अंतिम रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। उनके 509 मामले विचाराधीन हैं। पिछले छह साल में राज्य में 4706 आरोपियों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज किये गये। इनमें से 4230 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं, 475 आरोपी वांछित हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। बैठक में शामिल एक अन्य अधिकारी ने बताया कि महोबा, श्रावस्ती, सीतापुर, जालौन और कौशांबी में अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। सीएम ने इन जिलों के अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने और इन पर नियंत्रण रखने का निर्देश दिया है।
सीएम ने अमरोहा, झांसी और हरदोई पुलिस की तारीफ की। इन जगहों पर हत्या के मामले दर्ज होने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। सीएम ने चंदौली, औरैया, ललितपुर और बांदा में हत्या के मामलों में कार्रवाई में देरी पर नाराजगी जताई। इन मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने जिलों में तैनात अधिकारियों से कहा कि हमें कार्रवाई के लिए मजबूर न करें।
डकैती के 700 मामले दर्ज
पिछले आठ महीनों में राज्य में डकैती के 700 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 519 में आरोप पत्र दायर किए गए और 20 में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। वहीं, 180 मामलों की जांच चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले आठ महीनों में राज्य में डकैती के मामलों में 24.01 फीसदी की गिरावट आई है। डकैती कांड में शामिल 2232 आरोपियों में से अब तक 2118 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 104 आरोपी वांछित हैं। पुलिस ने कहा कि हम उन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं। प्रदेश में महराजगंज, ललितपुर, संत कबीर नगर, बलरामपुर और कासगंज में लूट की वारदातों में बढ़ोतरी देखी गई। डकैती के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने वाले जिलों में फिरोजाबाद, शाहजहाँपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर और पीलीभीत शामिल हैं। वहीं, प्रयागराज कमिश्नरी, कौशांबी, देवरिया, अमेठी और महोबा का प्रदर्शन कमजोर पाया गया।
बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि पिछले आठ महीने में प्रदेश भर में लूट के 30 मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें से 18 मामलों में पिछले आठ महीने में आरोपपत्र दाखिल किये गये हैं। 12 मामलों में अभी भी जांच चल रही है। पिछले छह वर्षों में राज्य भर में डकैती के मामलों में 16.22 प्रतिशत की गिरावट आई है। इन मामलों में शामिल कुल 224 आरोपियों में से 200 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अभी भी 24 आरोपी वांटेड हैं।
डकैती के मामलों में बढ़ोतरी
प्रदेश में कई जगहों पर डकैती के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें वाराणसी कमिश्नरी, झांसी, अमेठी, औरैया और कन्नौज शामिल हैं। वहीं डकैती के मामलों को नियंत्रित करने में फिरोजाबाद, बाराबंकी, सीतापुर, ललितपुर और कासगंज ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मामलों पर नियंत्रण के लिए सिस्टम विकसित करने में भी कन्नौज, हाथरस, बदांयू, औरैया और प्रयागराज कमिश्नरेट पिछड़ गए हैं।
बलात्कार के 1869 मामले दर्ज किये गए
पिछले आठ महीनों में यूपी में रेप के 1869 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 1350 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए। 220 मामलों में अंतिम रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। 200 मामलों की अभी भी जांच चल रही है। इन मामलों में शामिल कुल 2578 आरोपियों में से 2325 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 253 आरोपी अभी भी वांछित हैं। फतेहगढ़, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, कौशांबी और हमीरपुर जैसे कुछ जिलों में बलात्कार के मामलों में वृद्धि देखी गई है। वहीं, दुष्कर्मियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने वाले शीर्ष पांच जिलों में बदायूँ, मुरादाबाद, बिजनोर, अमरोहा और संभल शामिल पाए गए हैं।