नई दिल्ली – दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की रोकथाम के लिए शनिवार 7 अक्टूबर से एक महीने तक का अभियान शुरू किया है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि प्रासंगिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
होटलों एवं रेस्तराओं में कोयले के इस्तेमाल पर रोक
दिल्ली की खराब श्रेणी वाली वायु गुणवत्ता को देखते हुए केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के प्राधिकारों के होटलों एवं रेस्तराओं में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगाने तथा प्रदूषणकारी उद्योगों एवं ताप बिजली संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है। यह कदम केंद्र सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत उठाया गया है।
सरकार की ‘धूल-कण विरोधी अभियान’ शुरू
केंद्र सरकार की यह ‘क्रमबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना’ सर्दियों के मौसम में दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू किया जाता है। इसी संबंध में गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर ‘धूल-कण विरोधी अभियान’ शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत 500 वर्गमीटर की दूरी पर सभी स्थानों पर धूल-कण नियंत्रण उपकरण लगाया जाएगा। इसके साथ ही वेबपोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय पर उसकी निगरानी भी की जाएगी।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए 591 टीम गठित
धूल-कण नियंत्रण नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 591 टीम गठित की गई हैं। वहीं दूसरी तरफ 530 ‘वाटर स्प्रिंकलर’ एवं 258 धूल-कण रोधी चलंत उपकरणों की मदद भी ली जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए अलग-अलग एवं विशिष्ट कार्ययोजनाएं तैयार की गयी हैं। जिसके तहत 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आधार बनाया गया है।