Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी आज अपने प्रत्याशियों का ऐलान करने वाली है। इससे पहले ही कुछ ऐसे नाम सामने आए हैं जिनको लेकर सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार उन्हें टिकट नहीं देने वाली है। इस टिकट कटने वाली लिस्ट में कैसरगंज से सांसद और कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का नाम भी शामिल है। बृजभूषण सिंह बीजेपी के लिए पिछले डेढ़ साल से मुसीबत बने हुए थे क्योंकि उनके खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
महिला पहलवानों के आरोप के बाद गिर सकती है गाज
दरअसल, बीजेपी की लोकसभा चुनाव को लेकर आने वाली लिस्ट के मामले में सूत्रों का कहना है कि जिन बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, उनका टिकट कट सकता है। बृजभूषण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष थे। उनके हटने पर उनके करीबी संजय सिंह निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे लेकिन उन्हें भी बाद में निलंबित कर दिया गया था। ऐसे में अब बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटना उनके लिए बड़ा झटका है।
बृजभूषण शरण सिंह छह बार संसद सदस्य हैं। उन्होंने पांच बार भाजपा से और एक बार समाजवादी पार्टी से जीत हासिल की है। वह पहली बार साल 1991 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गोंडा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। साल 1999 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से 13वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए और 2004 में वह भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित हुए।
फिलहाल कैसरगंज से बीजेपी के सांसद
साल 2008 के लोकसभा विश्वास मत के दौरान संसद में क्रॉस-वोटिंग के लिए भाजपा द्वारा उन्हें निष्कासित किए जाने के बाद 20 जुलाई 2008 को वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
साल 2009 में वह उत्तर प्रदेश राज्य के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। बाद में वह 16वें आम चुनाव से कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और वर्तमान में भाजपा से 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं।
विवादो से रहा है पुराना रिश्ता
सांसद बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। उन्हें बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में गिरफ्तार किया गया था और दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून टाडा के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।
38 आपराधिक मामले दर्ज
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1974 से 2007 के बीच 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। विशेष रूप से चोरी, डकैती, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास और अपहरण सहित विभिन्न आरोपों के लिए सख्त गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि उन्हें बरी कर दिया गया था। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार अधिकांश मामलों का जिक्र किया गया है।