नई दिल्ली – Ayushman Bhav Campaign: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान भव: अभियान शुरू करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस अभियान की शुरुआत 13 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौमदी मुर्मू करेंगी। लेकिन इस अभियान की जमीनी गतिविधियां 17 सितंबर को शुरू होंगी। ये अभियान एक पखवाड़े तक पहुंचाया जाएगा। इस अभियान का मकसद स्वास्थ्य मंत्रालय की योजनाओं का फायदा हर व्यक्ति तक पहुंचाने का है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में आयोग्य लक्ष्य सेवा का प्रचार प्रसार करेंगे।
अभियान के तहत 3 महत्वपूर्ण काम-
मनसुख मंडाविया ने बताया कि इस अभियान के तहत 3 महत्वपूर्ण कार्य होंगे, जिसमें देश में लाखों हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स पर आयुष्मान मेले का आयोजन होगा। इसके साथ ही आयुष्मान कार्ड बांटने का प्रोसेस तेज किया जाएगा। इसके अलावा आयुष्मान गांव घोषित करने की भी प्लानिंग है।
‘आयुष्मान आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने और बांटने का काम होगा। इसके तहत 60 हजार लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिए जाएंगे। इसके अलावा आयुष्मान मेला का आयोजन होगा। इसका आयोजन देशभर के लाखों हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स पर होगा। इसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का इलाज होगा। इसके अलावा आयुष्मान सभा का आयोजन गांव और वार्ड लेवल पर होगा। जिसके तहत हेल्थकेयर स्कीम और सर्विसेस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है।
इस अभियान में जागरूकता फैलाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
कैंप लगाकर होगा इलाज-
इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत है कि देशभर में एक लाख 17 हजार से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेला आयोजित किया जाएगा. इसके तहत स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इस दौरान सभी ब्लॉक स्तर के अस्पताल में हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे। जिसमें मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर लोगों का इलाज करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो जांच के बाद लोगों को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए रेफर किया जाएगा। इस दौरान स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।
2 अक्टूबर को खास कार्यक्रम-
इस अभियान के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर देशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सभी गांवों में गांव सभा का आयोजन होगा। इस दौरान ये देखा जाएगा कि किस गांव में आयुष्मान कार्ड का फायदा हर लाभार्थी को हुआ है। जिस गांव में हर लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड का फायदा मिला होगा और उस गांव में 100 फीसदी कोविड वैक्सीनेशन हुआ होगा। अगर उस गांव में टीबी का कोई केस नहीं होगा तो उस गांव को आयुष्मान गांव घोषित किया जाएगा।
दरअसल इस अभियान के तहत सरकार उन लोगों तक पहुंचेगी जिन्हें अभी तक ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ नहीं मिला है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत सरकार की ओर से आम लोगों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है। इसके लिए लोगों को स्वास्थ्य बीमा ‘आयुष्मान कार्ड’ जारी किया जाता है।
60 करोड़ लोगों तक पहुंचाना है लाभ
भारत सरकार ने साल 2018 में इस योजना की शुरुआत की थी, तब 50 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि इसमें 2011 की जनगणना के बाद के लोगों को शामिल नहीं किया जा सका और ऐसे लोगों की संख्या करीब 10 करोड़ है। इसलिए अब सरकार ने इस योजना का लक्ष्य 60 करोड़ की आबादी कर दिया है।
1– आयुष्मान मेले: देश भर के लाखों हेल्थ और वेलनेस सेंटरों पर आयुष्मान मेले का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
2 – आयुष्मान कार्ड बांटने की प्रक्रिया में तेजी: आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र परिवारों को आयुष्मान कार्ड दिए जाते हैं। इस अभियान के तहत आयुष्मान कार्ड बांटने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
3 – आयुष्मान सभाएं: गांवों और वार्डों में आयुष्मान सभाएं आयोजित की जाएंगी। इन सभाओं में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाई जाएगी।
आयुष्मान भव अभियान की शुरुआत 13 सितंबर से हो जाएगी। लेकिन ये मुख्य तौर पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। अब देश के 25 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जा चुका है। अब सरकार की कोशिश अक्टूबर तक 7 करोड़ परिवार ( एक परिवार में 5 सदस्य) यानी 35 करोड़ लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने की है।
अभियान के दौरान होंगे ये काम भी
आयुष्मान भव अभियान के तहत सरकार इन कामों पर भी गौर करेगी
- स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाना
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना
- स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना
- स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के बारे में जानकारी देना
- स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाना
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
बता दें आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है जो प्रति लाभार्थी परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है।
मंडाविया ने आगे कहा कि पिछले साल आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हमने ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के मुद्दे पर जोर दिया था। उन्होने कहा, ‘पीएम मोदी ने कहा था कि दुनिया का क्षय रोग (टीबी) को खत्म करने का लक्ष्य 2030 है लेकिन भारत का लक्ष्य 2025 के अंत तक टीबी को खत्म करना है।
बीजेपी ने देशभर में चलाया था अभियान
2022 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने देश को क्षय रोग (टीबी) मुक्त बनाने के लिए एक साल का कार्यक्रम चलाया था, जिसके तहत हर कोई एक टीबी मरीज को गोद लेगा और एक साल तक उसकी देखभाल करेगा।
2025 तक टीबी मुक्त भारत के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए एक तपेदिक रोगी को एक वर्ष के लिए गोद लेने की योजना आयोजित की गई है।