पटना : Nitish Kumar Cabinet : नीतीश कैबिनेट ने राज्य के सभी प्रोन्नति योग्य अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतनमान समेत सभी प्रोन्नति सुविधाएं देने का फैसला किया है। इससे राज्य के सभी चार लाख से अधिक कर्मचारियों की एक साथ पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। शर्त यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पदों पर प्रमोशन तो प्रभावित होगा लेकिन अगर वे निचले पद पर आ भी जाते हैं तो सरकार उनसे ऊंचे पदों पर लिया गया वेतनमान नहीं वसूलेगी।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट ने एससी के 16 और एसटी के एक पद यानी कुल 17 फीसदी पदों पर रोक लगाने और बाकी 83 फीसदी पदों पर प्रोन्नति देने का फैसला किया है। इन 83 फीसदी पदों पर प्रमोशन देने में यह भी देखा जाएगा कि एससी के 16 और एसटी के एक पद यानी कुल 17 फीसदी पदों पर कितना प्रतिनिधित्व है। उदाहरण के तौर पर यदि निर्धारित 17 प्रतिशत पदों में से केवल 5 प्रतिशत अथवा 7 प्रतिशत पद ही भरे गये हैं तो शेष 11 अथवा 10 प्रतिशत पद भी जमे रखे जायेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है मामला
दरअसल, एससी/एसटी पदों पर प्रमोशन का मामला 2016 से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इसी वजह से राज्य में सभी स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने वेतनमान में उच्च पदों का प्रभार दिया गया है। उन्हें उच्च पदों का वेतनमान नहीं मिलता है।
कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलेंगी सुविधाएं
अब सरकार के इस अहम फैसले से कर्मचारियों और अधिकारियों को जिस पद पर काम करेंगे, उसी पद का वेतनमान और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि रोस्टर की बात अभी स्थगित रखी गयी है और भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी को नियमित प्रमोशन दिया जायेगा।
‘कैबिनेट का एक और बड़ा फैसला’
कैबिनेट ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के विस्तार की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यह संस्थान पूरे पूर्वोत्तर भारत में सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा नेत्र रोग संस्थान बन जाएगा। इसमें 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और 154 बिस्तर की क्षमता होगी। संस्थान का अपना अनुसंधान विंग और 24 घंटे का आपातकालीन विभाग होगा।