मौसम

जानिए क्या है El Nino और La Nina, जिसके चलते भारत में बदल रहा है मौसम का मिजाज,जिसकी वजह से इस बार ठंड पड़ेगी भारी?

नई दिल्ली – cold weather forecast 2023 : क्या El Nino और ला नीना के चलते भारत में मौसम बदल रहा है? इस पर मौसम विज्ञानियों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह किसी हद तक सच है और इसके प्रभाव से कोई भी वैज्ञानिक सीधे-सीधे इन्कार नहीं कर सकता है। बताया जा रहा है कि इस बार भारत में मानसून 2023 के दौरान 92 प्रतिशत बारिश हुई। यह औसत से 6 प्रतिशत कम है।

केरल से होती है मानसून की दस्तक

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, देश में इस बार सामान्य औसत 865 मिमी के मुकाबले कुल 814.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह भी दावा किया जा रहा है कि अल नीनो के प्रभाव के कारण इस वर्ष मानसून 2023 देर से शुरू हुआ और धीमी प्रगति हुई। बता दें कि केरल से ही देश में मानसून की दस्तक होती है।
 

क्या है अल नीनो

गौरतलब है कि हिंद महासागर और अरब सागर की ओर से आने वाली मानसूनी हवाएं भारत में सबसे ज्यादा बारिश करती हैं। दरअसल अल नीनो प्रभाव की वजह से प्रशांत क्षेत्र में बहने वाली ट्रेड विंड्स कमजोर होती हैं। इसके अलावा ये हवाएं भारत में नमी से भरी मानसूनी हवाओं से जुड़ी होती हैं। यही वजह है कि मानसून यह को भी धीमा कर देती हैं, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा कम हो जाती है।

क्या है ला नीना

जाहिर है कि अल नीनो से विपरीत प्रभाव ला नीना का होता है। यह पर जानना जरूरी है कि ला- नीना को स्पेनिश भाषा में ‘छोटी लड़की’ बोलते हैं। ला नीना के स्थिति में अमेरिकी महाद्वीपों के पश्चिमी तटों के पास के प्रशांत महासागर का पानी असामान्य रूप से ठंडा हो जाता है।

इसके चलते व्यापारिक पवनें बहुत मजबूत हो जाती हैं। इसके बाद इससे प्रशांत महासागर का गर्म पानी एशिया की ओर खिसकने लगता है। बताया जा रहा है कि ला नीना के प्रभाव से इस बार दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में अधिक ठंड पड़ सकती है।

देश के मानसून पर अल नीनो का प्रभाव

 मौसम विज्ञानियों का भारत को लेकर कहना है कि निश्चित रूप से यदि आप वर्षा पैटर्न देखें तो कुछ महीने शुष्क होते हैं, कुछ महीनों में अत्यधिक वर्षा होती है। इसलिए निश्चित रूप से आजकल परिवर्तनशीलता अधिक है। इसका एक कारण जलवायु परिवर्तन और इस वर्ष अल नीनो का प्रभाव हो सकता है।

देश में 6 प्रतिशत बारिश कम

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, त्रिवेन्द्रम के निदेशक के. संतोष ने पीटीआई वीडियो को बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान देश में छह प्रतिशत कम बारिश हुई, जिसकी अब वापसी हो रही है। आईएमडी के सूत्रों ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के तीन से चार राज्यों में मानसून की वापसी पूरी हो गई है।

वहीं, गुजरात में 90.67 फीसदी वर्षा की कमी दर्ज की गई, इसके बाद केरल में 86.61 फीसदी, राजस्थान में 80.15 फीसदी, कर्नाटक में 74.16 फीसदी और तेलंगाना में 64.66 फीसदी की कमी दर्ज की गई।

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