Jharkhand News : झारखंड के गोड्डा और दुमका में खतियान डिजिटलाइजेशन के दौरान भारी अनियमितता की जानकारी सामने आयी है। बताया जा रहा है कि यहां की 27 हजार से ज्यादा हिंदू आबादी को सॉफ्टवेयर पर मुस्लिम बताया जा रहा है। जिसके कारण यहां के लोग जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे हैं। लोग कहते हैं कि वे हिंदू हैं लेकिन जब वे जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो उनकी जाति सीमा मुस्लिम होती है।
आपको बता दें कि गोड्डा और दुमका के मुसलमान परंपरागत रूप से कपास की खेती करते हैं। वहीं, सूत कातने वाली सनातनी धुनिया जाति की 27 हजार से ज्यादा की आबादी को ऑनलाइन मुस्लिम बताया जा रहा है। ये लोग पिछले छह साल से जाति प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जेटेट पास अभ्यर्थी होरिल डागिरी, रामदयाल डागिरी, राहुल कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र उनका जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की गुहार लगायी है।
2018 से किसी धुनिया जाति के पास प्रमाण पत्र नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि गोड्डा और दुमका में धुनिया जाति की आबादी 27 हजार से अधिक है, लेकिन 2018 के बाद से उन्हें हिंदू धर्म में धुनिया जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब वे जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो धुनिया कॉलम के ब्रैकेट में मोमिन (मुस्लिम) लिखा होता है।
गोड्डा के सर्वा, बोहरा, जलगो आदि गांवों के दर्जनों लोगों ने इसकी शिकायत डीसी जिशान कमर और स्थानीय विधायक प्रदीप यादव से की है। इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों का कहना है कि कंप्यूटर में गलत फीडिंग के कारण यह समस्या हो रही है। इसका समाधान राज्य मुख्यालय स्तर से ही संभव है।
इन गांवों में हैं धुनिया जाति की आबादी
जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के सरबा, बोहरा, जलगो, लीलादह, ठाकुरगंगटी प्रखंड के मानिकपुर, भगैया, मिश्र गंगटी समेत पथरगामा प्रखंड के दर्जनों गांवों में धुनिया जाति के लोग रहते हैं। इसके अलावा दुमका जिले के जरमुंडी, बाराटांड़, जामजोरी, कुरमाहाट, हंसडीहा आदि गांवों में भी बड़ी संख्या में सनातनी धुनिया परिवार के लोग रहते हैं। 17 अक्टूबर को जिले के सिंहेश्वरनाथ शिवनगर में तांती, धुनिया, ततवा युवा संगठन के बैनर तले उक्त समाज के हजारों युवाओं ने ओबीसी बीसी-वन के तहत धुनिया जाति प्रमाण पत्र के लिए आंदोलन शुरू किया।