नई दिल्ली – Cheque Bounce Rules : आजकल डिजिटल पेमेंट का चलन काफी बढ़ चुका है। अब लोग कैश नहीं, बल्कि गूगल पे, फोने पे के साथ-साथ चेक से लेन-देन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि जब किसी व्यक्ति को बड़ा अमाउंट देना होता है तो सबसे सुरक्षित चेक पेमेंट ही माना जाता है, क्योंकि इसमें अधिक टेंसन का काम नहीं होता है। बैंक में चेक डाला और 3-4 दिन बाद चेक क्लियर हो जाता है।
अब आपको बता दे कि चेक को लेकर एक समस्या भी है। अगर दूसरों को दिया हुआ चेक बाउंस करता है या दूसरों के द्वारा आपको दिया हुआ चेक बाउंस करता है तो दोनों मुश्किल में पड़ सकते हैं।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि चेक बाउंस क्या है और चेक बाउंस से जुड़ी क्या-क्या जानकारी आपको मालूम होनी चाहिए।
चेक बाउंस क्या है?
आपको बता दे कि अगर किसी ने आपको चेक दिया है और उस अकाउंट में उतना पैसा नहीं है तो इस परिस्थिति में चेक बाउंस हो जाता है। इसके अलावा अगर आपने किसी व्यक्ति को 2 लाख का चेक दिया और चेक बैंक में जमा करने के बाद उसके अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता है तो इस परिस्थिति में भी चेक बाउंस हो सकता है।
चेक बाउंस होने के बाद के क्या है नियम?
अब बात करें चेक बाउंस होने के नियम के बारे में तो, आपको बता दे कि अगर कोई चेक बाउंस होता है। और एक महीने के अंदर चेक लेने वाले व्यक्ति को चेक का भुगतान नहीं करता है, तो उसके नाम से लीगल नोटिस जारी हो सकता है।
अगर नोटिस देने के 15 दिनों के बाद भी व्यक्ति कोई जवाब नहीं देता है तो ऐसे इंसान के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 (Negotiable Instrument Act 1881) के सेक्शन 138 के अंतर्गत केस दर्ज किया जा सकता है।
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के तहत व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है और चेक जारीकर्ता को दो साल तक की सजा हो सकती है।
चेक बाउंस होने के कारण
- भुगतानकर्ता के बैंक अकाउंट में पर्याप्त पैसों का न होना
- हस्ताक्षर एक समान न होना
- अकाउंट नंबर का एक समान न होना
- चेक की तारीख के साथ जारी करें
- शब्दों और संख्याओं में राशि का एक समान न होना
- फटा-कटा चेक
- ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार करना
चेक बाउंस होने पर क्या होगा?
आपको बता दे कि अगर आपका चेक बाउंस होता है तो चेक देने वाले के ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह बैंक द्वारा जुर्माना लगाया जाता है। आपको बता दे कि चेक बाउंस होने के मामले में दो साल की जेल भी हो सकती है। अगर दो से अधिक बार चेक बाउंस होता है तो बैंक द्वारा आपका अकाउंट भी बंद किया जा सकता है।
चेक की अवधि कितनी होती है?
चेक, बैंक ड्राफ्ट वर्तमान में इनके जारी होने से 3 महीने तक वैलिड होते हैं।
केवल 3 महीने के लिए ही क्यों वैध होते हैं?
आपको बता दे कि 3 महीने से अधिक पुराने चेक को अस्वीकार करना आम बैंकिंग प्रथा है। यह प्रथा उस व्यक्ति की सुरक्षा के लिए है जिसने चेक लिखा है, क्योंकि संभावना है कि भुगतान किसी अन्य माध्यम से किया गया होगा या चेक खो गया होगा या चोरी हो गया होगा।
चेक जारी करने से पहले ध्यान रखें ये बातें
- अगर आप जब भी किसी को चेक दें तो ये पूरी तरह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पैसे हैं।
- इसके अलावा चेक लेने वाले व्यक्ति को इसके तीन महीने के अंदर ही कैश करा लेना चाहिए।
- जब भी किसी को चेक से पेमेंट करें तो नाम और धनराशि को लेकर शब्दों व फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस देने से बचें।
- जब भी बैंक चेक पर सिग्नेचर (Signature) करें तो याद रखें कि आपको वैसे ही साइन करने हैं, जैसे संबंधित बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं।
- जब भी किसी को बैंक चेक से पेमेंट करें तो उसे चेक की डिटेल जैसे चेक नंबर, अकाउंट का नाम, अमाउंट और डेट जरूर नोट कर लें।
- हमेशा अकाउंट payee चेक जारी करें।
- चेक पर किए गए सिग्नेचर बैंक में रजिस्टर होना चाहिए।
- चेक पर जानकारी सावधानीपूर्वक सही भरें।