नई दिल्ली – Apache Helicopter Specifications : भारतीय सेना पाकिस्तान से लगी सीमा पर पश्चिमी रेगिस्तान में अपनी युद्धक क्षमता बढ़ा रही है। इसीलिए जोधपुर के सैन्य बेस पर छह अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर तैनात करने जा रही है। सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि करार के अनुसार पहला अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिका से फरवरी-मार्च में गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों के मुताबिक, इसके बाद इन युद्धक हेलीकॉप्टरों को अभियानों के लिए जोधपुर के सैन्य बेस पर तैनात किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हें पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया गया है।
अपाचे हेलीकाप्टरों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी
सेना में अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद इनकी कुल संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका से हुए करार के मुताबिक भारत ने पहले ही अमेरिकी सैन्य अड्डों पर अपने पचास से अधिक पायलटों और तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया है। भारतीय सेना बहुत ही कम समय में इसके पूरे दस्ते को संचालित करने में सक्षम होगी।
जल्द पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तैनात होंगे हेलीकाप्टर
साल 2020 में चीनी आक्रामकता के बाद अमेरिका के इन लड़ाके हेलीकॉप्टरों को जल्द ही पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भी तैनात किया जाएगा। अपाचे की मूल निर्माता कंपनी बोइंग ने पिछले साल ही घोषणा की थी कि उसने भारत के लिए युद्धक हेलीकॉप्टरों का निर्माण अमेरिका के एरीजोना (मेसा) में शुरू कर दिया है।
इस उत्पादन प्रक्रिया में टाटा-बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) की सहभागिता है। भारत में हैदराबाद स्थित उपक्रम में एएच-64ई के निर्माण की अहम भूमिका है।
अपाचे हेलीकॉप्टर की क्या है ताकत
अपाचे हेलीकॉप्टर को आसमान में उड़ता हुआ टैंक भी कहा जाता है क्योंकि एक टैंक जिस तरह से दूसरे टैंक को बर्बाद करता है। ठीक उसी तरह अपाचे हेलीकॉप्टर भी दुश्मन के टैंकों को तबाह कर देता है। अपाचे में 30 मिलीमीटर की एक चेन गन होती है, जिसका नियंत्रण पायलट के हेलमेट से होता है यानी पायलट जिधर देखेंगे गन का निशाना उधर ही हो जाएगा।
- ये एडवांस मल्टी कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है. मतलब एक ही समय में कई मोर्चों पर लड़ सकता है।
- इसमें हाई क्वालिटी नाइट विजन सिस्टम है, जिसकी वजह से ये रात में भी किसी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है।
- इसमें हेलफायर और स्टिंगर मिसाइलें लगी होती हैं, जो एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं।
- एक मिनट में 128 टारगेट पर हमला कर सकता है।
- इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर में एक 30 मिलीमीटर की चेन गन भी लगी होती है, जिससे एक मिनट में 600 राउंड फायरिंग की जा सकती है।
- अपाचे की उड़ने की रफ्तार 365 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी उड़ान क्षमता 20 हजार फीट तक है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर दुश्मन के इलाके में जाकर अपने टार्गेट को आसानी से नेस्तनाबूत कर सकता है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर का निर्माण अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग कर रही है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर में हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलें जुड़ी रहती हैं। यह रॉकेट से भी लैस है।
प्रशिक्षित हो चुके हैं भारतीय पायलट
अनुबंध के अनुसार भारत पहले ही अपने 50 से अधिक पायलटों और तकनीशियनों को अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए प्रशिक्षित कर चुका है। ये बहुत कम समय में बेड़े का संचालन करने में सक्षम होंगे। अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को 2020 में चीनी आक्रमण शुरू होने के तुरंत बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया था।
दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर है अपाचे
दुनिया में जब भी सबसे खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर की बात होती है तो सबसे पहले अमेरिका का अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे का नाम आता है। इस हेलीकॉप्टर के थल सेना में शामिल होने से भारत की दुश्मन के घर में घुसकर मार करने की क्षमता और पहले से ज्यादा हो जाएगी। किसी भी अटैक हेलीकॉप्टर की ताकत उसमें लगे हथियार होते हैं। दो सीटर इस अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें और दोनों तरफ 30mm की दो गन लगी है।
बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें
अमेरिका ने अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक में भी इस्तेमाल में ला चुका है। इजराइल भी लेबनान और गाजापट्टी में इस एडवांसड अटैक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करता रहा है। जानकारों के मुताबिक भारतीय सेना में इसके शामिल होने से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।