नई दिल्ली – पिछले ही महीने इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बना हेरॉन मार्क-2 ड्रोन अनंतनाग में आतंकियों के सफाये के लिए उतार दिया गया है। मतलब, आसमान और जमीन दोनों ही जगह अभियान चलाए जा रहे हैं। ड्रोन ने अपना पहला शिकार भी कर लिया है। बताया जा रहा है कि कम से कम दो आतंकी गडोले वन क्षेत्र में कहीं गुफा में छिपे हुए हैं। आइए जानते हैं कि एयरफोर्स का हिस्सा बनें हेरॉन मार्क-2 ड्रोन की खासियत क्या है।
हेरॉन मार्क-2 ड्रोन वही ड्रोन है, जिसने अलकायदा चीफ अल जवाहिरी का सफाया किया था। ऐसा नहीं है कि भारत पहली दफा ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है। पहले से हमारी सेनाओं के पास उन्नत ड्रोन हैं लेकिन अगस्त में शामिल हुए इस ड्रोन की खासियत सबसे अलग है। इसकी मारक क्षमता गजब की है। निशाना बहुत सटीक है। यह एक साथ ग्रेनेड और दुश्मन पर कई दिशाओं से गोलियां बरसाने में भी माहिर है। इसके आने के बाद चीन-पाकिस्तान सीमा की निगरानी आसान हो गई है। इजरायल से आए इस ड्रोन में जानिए कितनी खूबियां हैं।
- यह ड्रोन लगातार 36 घंटों तक उड़ान भरने में सक्षम है, इसे 35 हजार फुट की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है।
- यह हवा से जमीन पर, हवा से हवा में मार करने में सक्षम है।
- इसमें लगा कैमरा अंधेरी रात में भी लक्ष्य साधने में मददगार है।
- यह ठंड, गर्मी और बरसात में भी आसानी से उड़ान भर सकता है।
- सेटेलाइट के जरिए यह सारी जानकारी ग्राउंड स्टेशन को देने में सक्षम है।
- 15 किलोमीटर दूर बैठकर भी इसको ऑपरेट किया जा सकता है।
- ग्राउंड स्टेशन पर बैठे पायलट के निर्देश पर यह किसी पर भी हमला कर सकता है।
- यह हथियारों से लैस है।
- एक समय पर यह चीन-पाकिस्तान सीमा की निगरानी में सक्षम है।
- भारतीय वायु सेना के पास फिलहाल इस श्रेणी के चार ड्रोन उपलब्ध हैं।
- सरकार का इरादा इस श्रेणी के ड्रोन भारतीय सेना, नौसेना को भी देने का है।
- दुनिया के 20 से ज्यादा देशों की सेना इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
- यह दुश्मन के इलाके में घुसे बिना ही सेंसर और रडार के जरिए सूचनाएं बेस स्टेशन को देने में सक्षम है।
- ड्रोन पायलट बेस स्टेशन पर बैठकर इसे संचालित करते हैं।
- थर्मोग्राफिक कैमरा, सेंसर, सेटेलाइट इसकी ताकत हैं।
- यह 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ने की क्षमता रखता है।
- एंटी जैमिंग तकनीक की वजह से दुश्मन इसे निष्प्रभावी नहीं कर सकता।
- इसका संचालन मैन्युअली और ऑटोमेटिक संभव है, मतलब पायलट जैसे चाहें कर सकते हैं।
- – Heron Mark-1 Drone साल 2009 से ही भारतीय वायु सेना इस्तेमाल कर रही है।