नई दिल्ली – PM e-Bus Seva:- ग्रीन मोबिलिटी और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना को किया जा रहा है। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में PM E Bus Seva Yojana को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के माध्यम से देश भर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। अब देश भर में इस योजना के तहत 10,000 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ेगी। पीएम ई बस सेवा के माध्यम से 45000 से 55000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। यह योजना न केवल लोगों को सुविधा देगी बल्कि इससे देश में रोजगार में भी वृद्धि हो सकेगी।
आएंगी 50 हजार नौकरियां
इस पहल से, जहां लोगों को सुलभ ट्रांसपोर्ट मिलेगा तो वही पर्यावरण भी साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी। वहीं इस योजना के करीब 45 से 55 हजार नौकरियों के आने की संभावना बन रही है। इससे शहरी ट्रांसपोर्ट स्मूथ होगा तो हवा भी साफ सुथरी रहेगी।
योजना में क्या है राज्य सरकारी की जिम्मेदारी
पीएम ई-बसों का संचालन और बस आपरेटर्स को भुगतान आदि की जिम्मेदारी राज्य सरकारों एवं शहरी निकायों की होगी। केंद्र की ओर से उपलब्ध धन बस संचालन को सुविधाजनक बनाने को जरूरी संसाधन विकसित करने में खर्च किया जाएगा। इसी रकम से जरूरत पड़ने पर सब्सिडी आदि भी उपलब्ध कराने के इंतजाम किए गए हैं।
दो चरणों में लागू होगी यह योजना
योजना के दो चरण हैं। पहले चरण में चिह्नित 169 शहरों में पीपीपी मॉडल में 10 हजार ई-बसों को उपलब्ध कराया जाएगा। इन बसों को चलाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास भी पहले चरण का ही हिस्सा होगा। ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट बनाने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में हरित वातावरण बनाए रखने को जरूरी इंफ्रा का विकास करना भी योजना में शामिल है।
दूसरे चरण में 181 शहरों में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशियेटिव के तहत बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा, जिससे अगले चरण में यहां भी ई-बसों का संचालन आसान किया जा सके। सरकार ने कहा है कि शुरू होने से 10 वर्षों तक संचालन में मदद मिलेगी।
क्या होंगे पीएम ई-बस योजना के फायदे?
इन दस हजार ई-बसों के संचालन से एक साथ कई फायदे होंगे। कॉर्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी और ध्वनि एवं वायु प्रदूषण अपेक्षाकृत बहुत कम हो जाएगा। वहीं पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता भी कम होगी। साल 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
PM e-Bus Seva Yojana का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा पीएमटी बस सेवा को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य ग्रीन अर्बन मोबिलिटी के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत करना है इसके लिए 169 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात की जाएगी। साथ ही सरकार इस बात पर भी ध्यान देगी कि बस संचालन के लिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए वह मुहैया कराया जाए। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा ई बस संचालक से जुड़ी अन्य सुविधाओं को भी बनवाकर दिया जाएगा। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन और लोगों को रोजगार प्रदान करेगी।
किन शहरों में दौड़ेगी इलेक्ट्रिक बसें
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम ई बस सेवा योजना का संचालन देश के 169 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाएगा। हालांकि अभी इस बात की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है कि किन शहरों में इन् इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पहले किया जाएगा। मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि जिन शहरों में इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएगी उन शहरों का चयन चुनौती पद्धति से किया जाएगा। यह योजना 3
लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इसके अलावा उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां ऑर्गेनाइज्ड बस सर्विसेज नहीं है।
50,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड वाली यह योजना 2037 तक चलेगी और पीएम ई बस सेवा योजना को 10 वर्षों तक सहयोग किया जाएगा। इस योजना के तहत सभी राजधानियां, केंद्र शासित प्रदेश, नॉर्थ ईस्ट राज्यों और हिल स्टेशन को किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से 45,000 से 50,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। जिससे बेरोजगारी की समस्या को भी कम किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत बाइक शेयरिंग साइकिल इन जैसे गैर मोटर चालित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ बस रैबिट परिवहन परियोजनाएं विकसित की जाएगी। इसके अलावा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड इंटेलिजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टी मॉडल इंटरचेंज जैसी नई सुविधाओं को भी शुरू किया जाएगा।